ब्रेड का अधिक सेवन: क्या यह आपके दिल के लिए खतरे की घंटी है?

ब्रेड का सेवन और इसका हृदय स्वास्थ्य पर प्रभाव:

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में ब्रेड हमारे नाश्ते का एक मुख्य हिस्सा बन चुका है। आसान, सस्ता और झटपट तैयार होने वाला यह खाद्य पदार्थ हर किसी के किचन में मौजूद रहता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रोजाना ब्रेड का सेवन आपके दिल के लिए कितना हानिकारक हो सकता है?

ब्रेड का अधिक सेवन: क्या यह आपके दिल के लिए खतरे की घंटी है?

हृदय स्वास्थ्य पर प्रभाव:

ब्रेड, खासकर सफेद ब्रेड, में उच्च मात्रा में सोडियम, प्रिजर्वेटिव्स और रिफाइंड आटा (मैदा) पाया जाता है। ये तत्व हृदय स्वास्थ्य के लिए कई तरह के खतरे पैदा कर सकते हैं:

  • सोडियम: अत्यधिक सोडियम रक्तचाप (High Blood Pressure) को बढ़ा सकता है, जो हृदय रोगों का प्रमुख कारण है।
  • प्रिजर्वेटिव्स: ब्रेड को लंबे समय तक ताजा बनाए रखने के लिए जो रसायन मिलाए जाते हैं, वे हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • रिफाइंड आटा (मैदा): मैदे से बनी ब्रेड में पोषण तत्व कम और कैलोरी अधिक होती है, जो वजन बढ़ाने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी बढ़ाती है।

शोध और विशेषज्ञों के निष्कर्ष:

हाल के अध्ययनों में यह पाया गया है कि जो लोग नियमित रूप से ब्रेड का अधिक सेवन करते हैं, उनमें हृदय रोगों (Cardiovascular Diseases) का खतरा लगभग 30% तक बढ़ जाता है।

  • विशेषज्ञों का कहना है: एक दिन में 2 से अधिक स्लाइस सफेद ब्रेड का सेवन आपके दिल पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है।
  • शोध निष्कर्ष: एक अध्ययन के अनुसार, सोडियम से भरपूर खाद्य पदार्थ हृदय की रक्त वाहिनियों (Blood Vessels) को कठोर बना सकते हैं।

हृदय स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के उपाय:

  1. सफेद ब्रेड की जगह होल व्हीट ब्रेड (Whole Wheat Bread) का चुनाव करें।
  2. ब्रेड का सेवन सीमित मात्रा में करें (सप्ताह में 2-3 बार से अधिक नहीं)।
  3. ब्रेड के साथ सलाद और प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  4. सोडियम और प्रिजर्वेटिव्स की मात्रा जांचकर ब्रेड खरीदें।
  5. घर पर मल्टीग्रेन या होल व्हीट ब्रेड तैयार करें।

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निष्कर्ष:
ब्रेड का सेवन पूरी तरह बंद करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन इसे संयमित मात्रा में और सही प्रकार का चुनाव करके अपनी दिनचर्या में शामिल करें। हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना बेहद जरूरी है क्योंकि एक बार हृदय संबंधी समस्या शुरू हो जाए, तो इसे ठीक करना मुश्किल हो सकता है।

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