प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र: अब 74 प्रकार की जांच सुविधाएं मुफ्त में उपलब्ध
केंद्र सरकार ने ग्रामीण भारत की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने और व्यापक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत देशभर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHCs) में 74 प्रकार की जांच सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। इसमें X-ray, ECG, लीवर और किडनी संबंधी जांचों के साथ-साथ ब्लड प्रोफाइल, टीबी, सिकल सेल, और स्क्रब टायफस जैसी संक्रामक बीमारियों की जांच भी शामिल होगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं का विस्तार
सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को कस्बों और गांवों तक पहुंचाने के लिए “राष्ट्रीय आवश्यक निदान सूची” (National Essential Diagnostics List) को संशोधित किया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने इस संशोधित सूची को जारी किया है और इस पर हितधारकों से सुझाव मांगे गए हैं।
संशोधित सूची के अनुसार:
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 74 प्रकार की जांच।
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 93 प्रकार की जांच।
- जिला अस्पतालों में 171 प्रकार की जांच।
- आयुष्मान भारत आरोग्य मंदिरों में 16 प्रकार की जांच।
इस विस्तार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक नागरिक को उनकी जरूरत की जांच सुविधाएं उनके नजदीकी केंद्रों पर मुफ्त में उपलब्ध हो सकें।
NOTE:-भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने इस संशोधित सूची को जारी किया है सूची में क्या क्या टेस्ट के बारे दिया गया है जानने के लिए यहाँ क्लीक करे।
मरीजों के लिए लागत में कमी
सरकार का अनुमान है कि इन सेवाओं के विस्तार से मरीजों पर आर्थिक बोझ काफी हद तक कम होगा। वर्तमान में:
- ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य जांच पर ₹500 तक का खर्च आता है।
- जिला अस्पतालों में इन सेवाओं की लागत ₹25,000 से ₹30,000 तक होती है।
- MRI के लिए ₹3,000 से ₹5,000 और अल्ट्रासाउंड के लिए ₹1,000 से ₹1,500 का खर्च उठाना पड़ता है।
अब ये सभी सेवाएं सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध होंगी।
ग्राम स्तर पर नई जांच सुविधाएं
गांवों में निम्नलिखित 9 प्रकार की जांच सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी:
- ब्लड ग्लूकोज
- मलेरिया
- सिकल सेल
- फाइलेरायसिस
- एचआईवी स्क्रीनिंग
- सिफलिस स्क्रीनिंग
- टीबी (बलगम और रक्त परीक्षण)
- यूरीन एल्बुमिन और ग्लूकोज
- गर्भावस्था परीक्षण
मरीजों के नमूने नजदीकी लैब में भेजे जाएंगे, जिससे रिपोर्ट की प्रक्रिया तेज और विश्वसनीय होगी।
पिछली सूची का संशोधन
पहली बार वर्ष 2019 में “राष्ट्रीय आवश्यक निदान सूची” जारी की गई थी। इसमें यह तय किया गया था कि सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर न्यूनतम कितनी प्रकार की जांच उपलब्ध होनी चाहिए। अब 5 वर्षों बाद इसे संशोधित करके नई सूची जारी की गई है।
डिजिटल तकनीक का समावेश
नई सूची के तहत एक स्वदेशी डिजिटल मीटर सभी स्वास्थ्य केंद्रों में स्थापित किया जाएगा। यह उपकरण बिना रक्त के नमूने के शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर माप सकता है। यह सुविधा न केवल मरीजों की जांच प्रक्रिया को सरल बनाएगी, बल्कि समय की भी बचत करेगी।
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आयुष्मान भारत आरोग्य मंदिरों में विशेष सेवाएं
देशभर में 1.75 लाख आयुष्मान भारत आरोग्य मंदिरों में पहले से ही 12 प्रकार की जांच सेवाएं उपलब्ध थीं। नई सूची के अनुसार, अब इन केंद्रों पर हेपेटाइटिस संक्रमण के परीक्षण की सुविधा भी जोड़ी जाएगी, जिससे यहां जांच सुविधाओं की संख्या बढ़कर 16 हो जाएगी। इसके अतिरिक्त, मरीजों को डॉक्टर की सलाह वीडियो कॉल के माध्यम से भी उपलब्ध कराई जा रही है।
निष्कर्ष
केंद्र सरकार की यह पहल ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच को बेहतर बनाएगी। संशोधित निदान सूची और नई जांच सुविधाएं न केवल मरीजों का समय और पैसा बचाएंगी, बल्कि उनके स्वास्थ्य में सुधार के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करेंगी।