Organ Donation in India 2025: हर साल लाखों ज़िंदगियाँ बच सकती हैं अब सरकारी कर्मचारियों को अंगदान पर मिलेगी विशेष छुट्टी

Organ Donation in India: हर साल लाखों ज़िंदगियाँ बच सकती हैं अब सरकारी कर्मचारियों को अंगदान पर मिलेगी विशेष छुट्टी

क्या आप जानते हैं कि भारत में हर साल लाखों लोग अंगों की कमी के कारण दम तोड़ देते हैं जबकि एक छोटा सा कदम किसी की ज़िंदगी बचा सकता है? दोस्तों भारत में Organ Donation को लेकर अब भी जागरूकता की कमी है। हर साल लाखों मरीज ऐसे होते हैं जिन्हें किडनी, लीवर, हार्ट या कॉर्निया जैसे अंगों की सख्त जरूरत होती है लेकिन समय में अंग न मिल पाने के कारण वे असमय अपनी जान गंवा बैठते हैं। इसी गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने एक सराहनीय पहल की है। क्या है यह विशेष छुट्टी (Special Casual Leave) पहल इस आर्टिकल में जानते है।

Organ Donation

Organ Donation in India सरकार का निर्णय क्या है?

केंद्र सरकार ने Organ Donation को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा और संवेदनशील कदम उठाया है। अब कोई भी केंद्रीय सरकारी कर्मचारी अगर Organ Donate करता है तो उसे अधिकतम 42 दिनों की स्पेशल कैजुअल लीव (Special Casual Leave) दी जाएगी। इस निर्णय की जानकारी केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 2 अप्रैल को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में दी।

यह अवकाश केवल Organ Donate करने वाले कर्मचारियों के लिए होगा ताकि वे सर्जरी के बाद ठीक से रिकवर कर सकें। Organ Donation एक गंभीर मेडिकल प्रक्रिया होती है और शरीर को पूरी तरह स्वस्थ होने के लिए समय की जरूरत होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह पहल की गई है। इस संबंध में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (Department of Personnel and Training) ने एक नोटिस भी जारी किया है जिसमें छुट्टी देने की शर्तों का भी उल्लेख किया गया है। यह पहल न केवल Organ Donation के महत्व को रेखांकित करती है बल्कि सरकारी कर्मचारियों को इसके लिए प्रोत्साहित भी करती है।

Organ Donation के लिए छुट्टी किन शर्तों पर मिलेगी?

Organ Donation के लिए छुट्टी किन शर्तों पर मिलेगी?

सरकार द्वारा दी जा रही 42 दिन की स्पेशल कैजुअल लीव हर कर्मचारी को स्वतः नहीं मिलेगी बल्कि इसके लिए कुछ स्पष्ट शर्तें तय की गई हैं। आइए समझते हैं कि ये छुट्टियाँ किन परिस्थितियों में मिलेंगी

  • सरकारी डॉक्टर की सिफारिश जरूरी होगी:Organ Donate करने से पहले कर्मचारी को सरकारी अस्पताल या अधिकृत डॉक्टर से यह प्रमाणित कराना होगा कि वह वास्तव में Organ Donate कर रहा है और उसे रिकवरी के लिए छुट्टी की आवश्यकता है।
  • अधिकतम 42 दिन की छुट्टी:Organ Donation के बाद रिकवरी के लिए अधिकतम 42 दिन की स्पेशल कैजुअल लीव दी जा सकती है। यह छुट्टी कर्मचारी की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करेगी और डॉक्टर की राय के अनुसार तय की जाएगी।
  • इन छुट्टियों के साथ कोई अन्य अवकाश नहीं:– इन स्पेशल छुट्टियों के साथ कोई अन्य तरह की छुट्टी जैसे Earned Leave, Medical Leave या Casual Leave को जोड़ा नहीं जा सकेगा।
  • जटिलता की स्थिति में छूट संभव:– यदि सर्जरी के दौरान या बाद में कोई जटिलता या समस्या आती है और डॉक्टर सलाह देते हैं कि रिकवरी के लिए अधिक समय की जरूरत है तो उस स्थिति में नियमों से छूट दी जा सकती है।

यह नियम न केवल कर्मचारी के स्वास्थ्य को ध्यान में रखता है बल्कि Organ Donation जैसी मानवीय पहल को सम्मान देने का प्रतीक भी है।

भारत में अंगदान(Organ Donation) की स्थिति

Organ Receiving and Giving Awareness Network India के मुताबिक: हर साल करीब 5 लाख लोग ऐसे होते हैं जिन्हें अंगों की ज़रूरत होती है। लेकिन उनमें से केवल 2-3% की ही ज़रूरत पूरी हो पाती है। अमेरिका में हर 10 लाख लोगों में से 32 लोग, और स्पेन में 37 लोग Organ Donate करते हैं। और भारत में सिर्फ 1 व्यक्ति।

कॉर्निया ट्रांसप्लांट की बात करें तो हर साल 2 लाख कॉर्निया की ज़रूरत होती है, लेकिन सिर्फ 50,000 ही डोनेट होते हैं। 75% लोग कॉर्निया ना मिलने की वजह से आंखों की रोशनी से वंचित रह जाते हैं।

2023-24 के कुछ ज़रूरी आंकड़े (NOTTO की रिपोर्ट के अनुसार)

  • 18,000+ अंग प्रत्यारोपण हुए।
  • 15,000+ जीवित लोगों ने अंगदान किया (महिलाओं की संख्या ज़्यादा रही)।
  • 1100+ ब्रेन डेड डोनर से अंग डोनेट हुए।
  • 220 हार्ट ट्रांसप्लांट, 45 लीवर, और 13,000+ किडनी ट्रांसप्लांट हुए।

फिर भी भारत जैसे देश के लिए ये संख्या बहुत कम है।

NOTE:- इस आर्टिकल में दी गयी जानकारी इंटरनेट और ऑनलाइन स्त्रोतों से लिया गया है MEDICALNEWSHINDI.COM इसकी पुष्टि नही करता है।

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