क्या आपका बच्चा पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पाता? क्या वह जरूरत से ज्यादा एक्टिव या चंचल रहता है? या फिर आप खुद भी किसी काम पर फोकस नहीं कर पाते और चीजें जल्दी भूल जाते हैं? अगर हां, तो यह ADHD हो सकता है! विभिन्न अध्ययनों में भारत में ADHD की समस्या 1.6 से 14% तक पाई गई है लगभग 7% स्कूल जाने वाले बच्चों में एडीएचडी की शिकायत पाई गई है
इस ब्लॉग में हम ADHD के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव के बारे में विस्तार से जानेंगे। तो चलिए शुरुआत करते हैं!
ADHD क्या है?
ADHD (Attention Deficit Hyperactivity Disorder) एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है जिसमें प्रभावित मरीज का ध्यान लंबे समय तक किसी एक चीज़ पर नहीं टिकता। यह समस्या अधिकतर बच्चों में दिखता है लेकिन कई बार वयस्कों को भी प्रभावित करता है। ADHD से जूझ रहे लोग जरूरत से ज्यादा एक्टिव रहते हैं, चीजें भूल जाते हैं, जल्दी गुस्सा हो जाते हैं और किसी भी काम को अधूरा छोड़ देते हैं। अगर इसे समय रहते नहीं पहचाना गया तो यह पढ़ाई, नौकरी और रिश्तों पर बुरा असर डाल सकता है।
ADHD के प्रकार (Types of ADHD)
ADHD सिर्फ एक ही तरह का नहीं होता है बल्कि यह तीन अलग-अलग प्रकारों में देखा जाता है। हर व्यक्ति में इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। आइए जानते हैं ADHD के प्रकार के बारे में:
- INATTENTIVE (ध्यान की कमी):- इस प्रकार में व्यक्ति किसी भी चीज़ पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता। यह ज्यादातर उन लोगों में पाया जाता है जो बहुत ज्यादा एक्टिव नहीं होते लेकिन बहुत ज्यादा भूलने वाले और ध्यान भटकाने वाले होते हैं। इसके लक्षण होता है: शोर्ट टर्म मेमोरी लोस, फोकस की कमी, सुस्त और जल्दी बोर हो जाना, काम को अधुरा छोड़ देना।
- Hyperactive-Impulsive (जरुरत से ज्यादा एक्टिव):- इस प्रकार के ADHD में व्यक्ति बहुत ज्यादा एक्टिव और बिना सोचे-समझे फैसले लेने वाला होता है। ये लोग एक जगह टिककर नहीं बैठ पाते और हमेशा कुछ न कुछ करने की जल्दी में रहते हैं। इसके लक्षण:- बिना रुके बातें करना, एक जगह पर ज्यादा देर न बैठ पाना, किसी की बात काट देना या जल्दी जवाब देने की आदत, जरूरत से ज्यादा दौड़ना, उछल-कूद करना, बिना सोचे-समझे कोई भी काम कर देना। (यह प्रकार ज्यादातर छोटे बच्चों में देखा जाता है।)
- Combined (मिश्रित प्रकार):- जब किसी व्यक्ति में ध्यान की कमी और हाइपरएक्टिव-इम्पल्सिव दोनों तरह के लक्षण होते हैं, तो इसे “कंबाइंड टाइप ADHD” कहा जाता है। इसके और भी लक्षण है जैसे: ध्यान केंद्रित करने में समस्या, बहुत ज्यादा हाइपरएक्टिव और बेचैन रहना, चीजों को जल्दी भूल जाना, बिना सोचे समझे कोई भी काम कर देना, गुस्सा जल्दी आना और चिड़चिड़ापन।( यह Combined ADHD का सबसे कॉमन प्रकार है, जो बच्चों और वयस्कों दोनों में हो सकता है।)
कौन सा ADHD ज्यादा खतरनाक है?
तीनों प्रकार के ADHD अलग-अलग तरीकों से जीवन को प्रभावित कर सकते हैं। किसी भी प्रकार का ADHD अगर समय पर इलाज न किया जाए तो पढ़ाई, करियर और पर्सनल लाइफ में दिक्कतें आ सकती हैं। इसलिए सही समय पर पहचानना और सही ट्रीटमेंट लेना बहुत जरूरी है।
ADHD का इलाज (Treatment of ADHD)
ADHD कोई बीमारी नहीं है बल्कि एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है जिसे दवा, थेरेपी और लाइफस्टाइल में बदलाव से कंट्रोल किया जा सकता है। सही समय पर इलाज शुरू करने से बच्चों और वयस्कों की लाइफ आसान हो सकती है। ADHD के इलाज को तीन मुख्य भागों में बांटा जाता है:
- दवाइयों से इलाज (Medication Treatment)
- थेरेपी और व्यवहार सुधार (Therapy & Behavioral Treatment)
- लाइफस्टाइल और घरेलू उपाय (Lifestyle & Home Remedies)
नोट:- इसके इलाज के लिए आपको डॉक्टर से कंसल्ट जरुर कर लेनी चाहिए।
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