Budget 2025: मेडिकल स्वास्थ्य क्षेत्र को मिली बड़ी सौगात:
बजट 2025 में स्वास्थ्य और फार्मेसी सेक्टर को खास महत्व दिया गया है। इस बार सरकार ने हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने के लिए कई जरूरी कदम उठाए हैं। इसके साथ ही, मेडिकल स्टोर्स, फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री और टैक्स सुधारों से जुड़े कुछ अहम ऐलान भी किए गए हैं। सरकार ने ना सिर्फ दवाओं की गुणवत्ता को सुधारने के लिए काम किया है, बल्कि आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं को और भी प्रभावी बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ाए हैं। इस ब्लॉग में हम बजट 2025 के इन सारे पहलुओं पर विस्तार से बात करेंगे और देखेंगे कि ये बजट फार्मेसी और स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वालों के लिए कैसे नए मौके ला सकता है।
स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट आवंटन
बजट 2025 में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल ₹1,23,059.80 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। यह पिछले साल के बजट से 13.8% ज्यादा है, जो कि एक बड़ी बढ़ोतरी है। इस बढ़े हुए बजट से सरकार ने यह संकेत दिया है कि वह स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और सुधार के लिए गंभीर है। इसके तहत, केंद्र और राज्य दोनों के स्वास्थ्य बजट में बढ़ोतरी की गई है। इसका मतलब है कि स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए अधिक पैसा मिलेगा, जिससे जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ मिल सकेंगी।
प्रमुख स्वास्थ्य योजनाएँ और उनका बजट
इस बार बजट 2025 में कुछ प्रमुख स्वास्थ्य योजनाओं को खासा ध्यान दिया गया है, जिनका बजट भी बढ़ाया गया है। आइए, इन योजनाओं और उनके बजट की जानकारी पर नजर डालते हैं:
- प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY): इस योजना के तहत सरकार अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करती है। इसके लिए ₹2,200 करोड़ का बजट रखा गया है, जो पिछले साल के ₹1,736 करोड़ से 7% ज्यादा है।
- राष्ट्रीय एड्स और एसटीडी नियंत्रण कार्यक्रम (NACO): इस योजना को ₹3,442.77 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जो पिछले साल के ₹2,858 करोड़ से 5% ज्यादा है। यह योजना एड्स और सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज़्स के इलाज और रोकथाम पर काम करती है।
- राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM): इस योजना के तहत स्वास्थ्य डेटा को डिजिटल किया जाता है। इसके लिए ₹340.11 करोड़ का बजट रखा गया है, जो पिछले साल के ₹225 करोड़ से 2% ज्यादा है।
- राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य टेली हेल्थ प्रोग्राम: मानसिक स्वास्थ्य पर फोकस करते हुए इस योजना को ₹79.60 करोड़ का बजट दिया गया है, जो पिछले साल के ₹45 करोड़ से 9% ज्यादा है।
- प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PMABHIM): इस मिशन के लिए ₹558.45 करोड़ का बजट रखा गया है, जो पिछले साल के ₹380 करोड़ से 9% ज्यादा है।
- राष्ट्रीय औषधि सुरक्षा कार्यक्रम (Pharmacovigilance): इस कार्यक्रम के लिए ₹8.53 करोड़ का बजट रखा गया है, जिसमें कोई खास बदलाव नहीं किया गया है।
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मेडिकल और फार्मेसी सेक्टर के लिए विशेष घोषणाएँ
बजट 2025 में मेडिकल और फार्मेसी सेक्टर के लिए कुछ खास घोषणाएँ की गई हैं, जो इस क्षेत्र को और भी बेहतर बनाने में मदद करेंगी। आइए जानते हैं उन घोषणाओं के बारे में:
- फार्मास्युटिकल सेक्टर में निवेश बढ़ाया जाएगा: सरकार ने घरेलू दवाओं के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए फार्मास्युटिकल सेक्टर में निवेश बढ़ाने का ऐलान किया है। इससे न केवल दवाओं की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि भारत को दवाओं के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी बड़ा कदम होगा।
- राष्ट्रीय औषधि सुरक्षा कार्यक्रम (Pharmacovigilance Program): दवाओं के साइड इफेक्ट्स की निगरानी के लिए यह कार्यक्रम जारी रखा जाएगा। इसके तहत, दवाओं की गुणवत्ता और उनकी सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा, ताकि जनता को सुरक्षित दवाएँ मिल सकें।
- राज्य औषधि नियामक प्रणाली को मजबूत करने के लिए ₹50 करोड़ का बजट: राज्यों में औषधि नियामक प्रणाली को और सशक्त बनाने के लिए ₹50 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। इससे राज्यों में दवाओं की गुणवत्ता और वितरण की प्रणाली में सुधार होगा।
- भारतीय फार्माकोपिया आयोग (IPC) को और मजबूत किया जाएगा: नई दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भारतीय फार्माकोपिया आयोग को और ताकत दी जाएगी। यह आयोग दवाओं की मानक गुणवत्ता तय करता है, और इसकी मजबूती से देश में दवाओं का स्तर और बेहतर होगा।
- मेडिकल स्टोर्स और फार्मास्युटिकल कंपनियों के लिए लाइसेंस प्रक्रिया को डिजिटल किया जाएगा: लाइसेंस प्रक्रिया को डिजिटल करने से पारदर्शिता बढ़ेगी और इस प्रक्रिया में होने वाली देरी भी कम होगी। इससे मेडिकल स्टोर्स और फार्मास्युटिकल कंपनियों के लिए काम करना आसान हो जाएगा।
आयुष्मान भारत और राज्यों को दी जाने वाली सहायता
बजट 2025 में आयुष्मान भारत योजना और राज्यों को दी जाने वाली सहायता को लेकर कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं। आइए जानते हैं इन घोषणाओं के बारे में:
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के लिए ₹37,226.92 करोड़ का बजट: इस योजना के तहत, सरकार राज्यों को स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और सुधार के लिए सहायता देती है। इसके लिए ₹37,226.92 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जो स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY – आयुष्मान भारत): आयुष्मान भारत योजना को ₹9,406 करोड़ का बजट दिया गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 7% ज्यादा है। इस योजना के तहत गरीब और वंचित वर्ग के लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। इस बढ़ोतरी से ज्यादा लोगों को इसका फायदा मिलेगा।
- टेली-हेल्थ और डिजिटल हेल्थकार्ड के लिए अतिरिक्त बजट: स्वास्थ्य सेवाओं को और प्रभावी बनाने के लिए टेली-हेल्थ और डिजिटल हेल्थकार्ड के लिए अतिरिक्त बजट जारी किया गया है। इससे लोगों को घर बैठे स्वास्थ्य सेवाएँ मिल सकेंगी और उनके स्वास्थ्य डेटा को डिजिटल रूप में ट्रैक किया जा सकेगा।
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मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान में निवेश
बजट 2025 में मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण निवेश किया गया है। इसका उद्देश्य देश में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाना और मेडिकल पेशेवरों की संख्या बढ़ाना है। आइए जानते हैं इन निवेशों के बारे में:
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली: AIIMS के लिए ₹5,200 करोड़ का बजट रखा गया है, जो पिछले साल के ₹5,000 करोड़ से 4% ज्यादा है। यह संस्थान मेडिकल शिक्षा और शोध के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाता है, और इस बढ़े हुए बजट से यहाँ की सुविधाएँ और बेहतर होंगी।
- पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER), चंडीगढ़: PGIMER के लिए ₹2,400 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जो पिछले साल के ₹2,240 करोड़ से 1% ज्यादा है। यहाँ उच्चस्तरीय मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान होता है, और इस बढ़ोतरी से संस्थान को और अधिक सुविधाएँ मिलेंगी।
- नए AIIMS संस्थानों की स्थापना: सरकार ने नए AIIMS संस्थानों की स्थापना के लिए ₹7,639 करोड़ का बजट रखा है, जो पिछले साल के ₹7,500 करोड़ से 9% ज्यादा है। यह योजना देशभर में और अधिक मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए है, जिससे मेडिकल शिक्षा की पहुँच बढ़ेगी।
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (NIMHANS), बेंगलुरु: NIMHANS के लिए ₹860 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जो पिछले साल के ₹780 करोड़ से 3% ज्यादा है। यह संस्थान मानसिक स्वास्थ्य और न्यूरो साइंसेज के क्षेत्र में महत्वपूर्ण अनुसंधान करता है, और इस बढ़े हुए बजट से यहाँ के शोध कार्यों को और गति मिलेगी।
टैक्स सुधार और दवा उद्योग पर प्रभाव
बजट 2025 में टैक्स सुधारों से दवा उद्योग पर सकारात्मक असर डालने की योजना बनाई गई है। हालांकि, बजट दस्तावेज़ में स्वास्थ्य और फार्मेसी से जुड़े टैक्स सुधारों का विस्तार से विवरण नहीं दिया गया है, लेकिन फाइनेंस बिल में कुछ अहम बदलावों का संकेत दिया गया है। आइए जानते हैं इन सुधारों के बारे में:
- मेडिकल डिवाइसेज़ और आवश्यक दवाओं पर GST में छूट या संशोधन: सरकार ने मेडिकल डिवाइसेज़ और आवश्यक दवाओं पर GST दर में छूट या संशोधन करने की योजना बनाई है। इससे दवाओं की कीमतों में कमी हो सकती है, जो आम जनता के लिए राहत देने वाला कदम होगा।
- कैंसर, डायबिटीज, और अन्य गंभीर बीमारियों की दवाओं पर कस्टम ड्यूटी में कटौती: इस बजट में कैंसर, डायबिटीज और अन्य गंभीर बीमारियों की दवाओं पर कस्टम ड्यूटी में कटौती का प्रस्ताव है। इससे इन दवाओं की उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतें किफायती होंगी, जिससे रोगियों को राहत मिलेगी।
- मेडिकल स्टोर्स और अस्पतालों के लिए इनकम टैक्स में रियायतें: मेडिकल स्टोर्स और अस्पतालों के लिए कुछ टैक्स रियायतें दी जा सकती हैं, जिससे उनके ऑपरेशनल खर्चों में कमी आएगी। इसके साथ ही, उन्हें अपने कारोबार को बेहतर बनाने के लिए अधिक वित्तीय संसाधन मिल सकेंगे।
इन टैक्स सुधारों से दवा उद्योग को फायदा होगा, जिससे दवाओं की कीमतें कम हो सकती हैं और दवा कंपनियों के लिए कारोबार करना आसान होगा। यह सुधार दवा उद्योग और मेडिकल स्टोर्स के लिए एक सकारात्मक बदलाव साबित हो सकते हैं।
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अन्य प्रमुख घोषणाएँ
बजट 2025 में स्वास्थ्य और फार्मेसी सेक्टर से जुड़े कुछ अन्य प्रमुख घोषणाएँ भी की गई हैं, जो इस क्षेत्र को और अधिक मजबूत बनाएंगी। आइए जानते हैं इन घोषणाओं के बारे में:
- नए मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों का विकास: सरकार ने नए मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों के विकास की योजना बनाई है। इससे न केवल चिकित्सा शिक्षा का स्तर बढ़ेगा, बल्कि ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच भी बेहतर होगी।
- आयुष्मान भारत और टेली-हेल्थ प्रोग्राम को डिजिटल माध्यमों से और बेहतर बनाया जाएगा: आयुष्मान भारत योजना और टेली-हेल्थ प्रोग्राम को डिजिटल रूप में और प्रभावी बनाने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जाएंगे। इससे लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँचने में आसानी होगी, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ चिकित्सा सुविधाएँ कम हैं।
- राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM): इस मिशन के तहत स्वास्थ्य डेटा को डिजिटल रूप में स्टोर और ट्रैक करने की योजना बनाई गई है। इससे मरीजों का मेडिकल डेटा सुरक्षित रहेगा और आसानी से एक्सेस किया जा सकेगा, जो बेहतर इलाज के लिए महत्वपूर्ण होगा।
- वैक्सीनेशन उत्पादन और सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों के लिए बजट: वैक्सीनेशन उत्पादन को बढ़ावा देने और सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए एक अलग से बजट आवंटित किया गया है। यह कदम किसी भी भविष्य में आने वाली स्वास्थ्य आपदाओं से निपटने के लिए तैयारियों को मजबूत करेगा।
निष्कर्ष
- बजट 2025 में स्वास्थ्य और फार्मेसी सेक्टर को सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल किया गया है। इस बजट में किए गए फैसलों से स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार, फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने और चिकित्सा शिक्षा के स्तर को ऊंचा करने की दिशा में बड़े कदम उठाए गए हैं।
- आयुष्मान भारत, पीएमएसएसवाई, और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जैसी योजनाओं को और ज्यादा फंडिंग दी गई है, जिससे देशभर में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा। साथ ही, मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के विकास से चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और नए स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
- फार्मास्युटिकल सेक्टर में निवेश बढ़ाकर दवाओं के उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है, और टैक्स सुधारों से दवा उद्योग को भी फायदा होगा। इसके अलावा, डिजिटल हेल्थकार्ड और टेली-हेल्थ जैसी योजनाएँ स्वास्थ्य सेवाओं को और सुलभ बनाएंगी।
- इस बजट से मेडिकल स्टोर्स और फार्मास्युटिकल कंपनियों के लिए कई नए अवसर खुलेंगे, और इससे आने वाले समय में स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है। अगर आप मेडिकल स्टोर या फार्मेसी सेक्टर में काम करते हैं, तो इस बजट से आपको कई लाभ मिल सकते हैं।
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नोट:-बजट 2025 के बारे मे डीटेल से जानने के लिए indiabudget.gov.in के साइट मे जाकर देख सकते है