दोस्तों आज के दौर में जब हम डॉक्टर से मिलने के लिए घंटों इंतज़ार करते हैं AI (Artificial Intelligence) कुछ ही मिनटों में Disease Diagnosis करने में मदद कर रहा है। MRI रिपोर्ट, एक्स-रे स्कैन हो या ब्लड टेस्ट Artificial Intelligence अब इन सबका गहराई से विश्लेषण कर सकता है और वो भी बिना थके, बिना रुके।
लेकिन आपके मन सवाल जरूर आया होगा कि ये Artificial Intelligence कैसे Disease Diagnosis करती है? इस सवाल के जवाब को जानने के लिए आइए इस ब्लॉग में समझते हैं Disease Diagnosis by AI in Hindi.
बीमारी की पहचान में AI कैसे काम करता है?(How does AI work in disease diagnosis?)
AI आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस Disease Diagnosis करने में बिल्कुल वैसा ही काम करता है जैसे एक अनुभवी डॉक्टर करते है फर्क बस इतना है कि ये मशीन तेज़ी से लाखों रिपोर्ट्स, इमेजेज़ और आंकड़ों को एक साथ पढ़ सकता है और उनमें से पैटर्न पहचान सकता है।
स्टेप बाय स्टेप समझते हैं कि यह कैसे काम करता है:
- डेटा कलेक्शन (Data Collection): AI को ट्रेन करने के लिए पहले ढेर सारा मेडिकल डेटा जुटाया जाता है। एक्स-रे, MRI, CT स्कैन जैसी मेडिकल इमेजेज़, ब्लड रिपोर्ट, ECG, मरीजों के लक्षण और उनका मेडिकल इतिहास जितना ज़्यादा और डेटा होगा उतनी ही ज्यादा सटीकता से AI आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस Disease Diagnosis करने मे सक्षम रहेगा।
डेटा कलेक्शन (Data Collection) - ट्रेनिंग और मशीन लर्निंग (Training with Machine Learning): AI को सिखाया जाता है कि किसी बीमारी के कौन-कौन से संकेत होते हैं। उदाहरण के लिए अगर किसी फेफड़े की X-ray में एक खास तरह की धुंध या धब्बा है तो वह कैंसर हो सकता है। AI हजारों ऐसे उदाहरणों को देखकर यह खुद “सीखता” है और भविष्य में नए केस में भी वही पैटर्न पहचान लेता है।
Training with Machine Learning - डायग्नोसिस (Diagnosis using Pattern Recognition): जब किसी मरीज की रिपोर्ट AI सिस्टम में डाली जाती है तो AI इमेज को स्कैन करता है लक्षणों की तुलना अपने सीख चुके डेटा से करता है और फिर एक संभावित बीमारी का अनुमान लगाता है (जैसे “इस रिपोर्ट में 80% संभावना है कि यह ट्यूमर है”) यह काम कुछ सेकंड्स में हो जाता है।
डायग्नोसिस (Diagnosis using Pattern Recognition) - डॉक्टर की सहायता (Not a Replacement, But a Support): AI पूरी तरह से डॉक्टर की जगह नहीं लेता लेकिन यह उन्हें फैसले लेने में मदद करता है। डॉक्टर AI द्वारा दिए गए अनुमान को देखता है और अपने अनुभव से उसकी पुष्टि करता है।
डॉक्टर की सहायता (Not a Replacement, But a Support)
उदाहरण:
- डायबिटीज़ की पहचान: AI ब्लड शुगर लेवल्स और अन्य पैटर्न्स देखकर जोखिम का अनुमान लगा सकता है।
- स्किन डिज़ीज़: किसी तिल या घाव की फोटो से AI यह पहचान सकता है कि यह सामान्य है या कैंसर का संकेत।
- कोविड-19: कई देशों में AI ने एक्स-रे के ज़रिए कोविड की पहचान में अहम भूमिका निभाई।
रियल उदाहरण
Mayo Clinic का AI मॉडल: कैंसर की पहचान 475 दिन पहले:
Mayo Clinic के शोधकर्ताओं ने एक AI मॉडल विकसित किया है जो सीटी स्कैन की मदद से पैंक्रियाटिक कैंसर की पहचान औसतन 475 दिन पहले कर सकता है जब तक कि बीमारी के लक्षण प्रकट नहीं होते। इस मॉडल की सटीकता 92% है जो इसे प्रारंभिक निदान के लिए एक प्रभावी उपकरण बनाता है। स्थान: Mayo Clinic, अमेरिका
AI ने बच्चे की बीमारी पहचानी – जब 17 डॉक्टर नहीं कर पाए!

अमेरिका की एक माँ Courtney का बेटा Alex तीन साल की उम्र से अजीब शारीरिक परेशानियों से जूझ रहा था पीठ दर्द, चलने में दिक्कत, और विकास रुकना। कोर्टनी ने 17 डॉक्टरों से सलाह ली लेकिन कोई बीमारी पकड़ में नहीं आई।
आखिरकार थककर उन्होंने ChatGPT में बेटे के लक्षण टाइप किए। AI ने तुरंत संभावना बताई Tethered Cord Syndrome जो एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी है। बाद में न्यूरोसर्जन ने इसकी पुष्टि की और इलाज शुरू हुआ। आज Alex ठीक है और यह सब AI की समय पर पहचान की वजह से संभव हो पाया। सोर्स : HINDUSTAN TIMES
नोट: इस ब्लॉग मे दी गई जानकारी इंटरनेट और अन्य अनलाइन स्त्रोतों से लिया गया है medicalnewshindi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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