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E-Hospital क्या है? जानिए इसकी सुविधाएं, फायदे और असली स्थिति

E-Hospital

नमस्कार दोस्तों आज के समय में हर कोई चाहता है कि उसे इलाज की सुविधा जल्दी, सही और बिना भागदौड़ के मिले। लेकिन जब बात सरकारी अस्पतालों की आती है तो सबसे बड़ी परेशानी होती है लंबी लाइनें, घंटों इंतज़ार और डॉक्टर्स की अपॉइंटमेंट ना मिल पाना। सरकार ने इसी परेशानी को समझते हुए एक जबरदस्त डिजिटल सुविधा शुरू की थी।

इस आर्टिकल में जानेंगे e-Hospital क्या है?, e-Hospital की मुख्य सुविधाएँ और मरीजों को क्या-क्या फायदे मिलते हैं? e-Hospital की असली हकीकत ज़मीन पर क्या हुआ?

e-Hospital क्या है?

e-Hospital एक ऑनलाइन हेल्थ सर्विस प्लेटफॉर्म है जिसे भारत सरकार ने बनाया है ताकि मरीजों को सरकारी अस्पतालों की सुविधाएं आसानी से मिल सकें वो भी बिना लाइन में लगे और बिना भागदौड़ के।

इसे भारत सरकार की संस्था NIC (National Informatics Centre) ने तैयार किया है और ये Digital India प्रोजेक्ट का एक अहम हिस्सा है। इस प्लेटफॉर्म से आप देशभर के कई बड़े-बड़े सरकारी अस्पतालों से ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं, टेस्ट रिपोर्ट देख सकते हैं, और यहां तक कि ब्लड बैंक की जानकारी भी ले सकते हैं।

आज देशभर में 400 से ज्यादा सरकारी अस्पताल इस सिस्टम से जुड़े हुए हैं, जैसे: AIIMS दिल्ली, PGI चंडीगढ़, RML हॉस्पिटल दिल्ली, सफदरजंग हॉस्पिटल और कई राज्य स्तरीय अस्पताल भी। साधारण भाषा में कहा जाए तो e-Hospital एक ऐसा डिजिटल रास्ता है जिससे इलाज पाने की प्रक्रिया को तेज़, आसान और पारदर्शी बनाया गया है।

e-Hospital की मुख्य सुविधाएँ, मरीजों को क्या-क्या फायदे मिलते हैं?

e-Hospital की मुख्य सुविधाएँ

e-Hospital एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो मरीजों के लिए इलाज की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल और आसान बनाता है। आइए अब एक-एक करके जानते हैं कि इस पोर्टल से आपको कौन-कौन सी सुविधाएँ मिलती हैं और उनका क्या फायदा है:

NOTE: इससे संबंधित ज्यादा जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाईट eHospital.gov.in मे विज़िट कर सकते है।

e-Hospital की असली हकीकत ज़मीन पर क्या हुआ?

e-Hospital पोर्टल का आइडिया बहुत अच्छा था — डिजिटल इंडिया का एक मजबूत हिस्सा। लेकिन इसकी हकीकत को समझने के लिए हमें कुछ पॉज़िटिव और निगेटिव दोनों पहलुओं को देखना होगा।

  1. ज्यादातर छोटे अस्पतालों में यह सिर्फ नाम का है: छोटे सरकारी अस्पतालों में e-Hospital का बोर्ड तो लग गया है, लेकिन वास्तव में वहाँ स्टाफ पोर्टल इस्तेमाल ही नहीं करता। अपॉइंटमेंट लेने जाओ तो कहते हैं: सीधा आ जाओ, ऑनलाइन कुछ नहीं चलता।
  2. डिजिटल साक्षरता की कमी: ग्रामीण या गरीब इलाकों के लोग अभी भी नहीं जानते कि ऑनलाइन अपॉइंटमेंट कैसे लें। बहुत से लोग e-Hospital नाम भी पहली बार सुनते है इसका प्रचार प्रसार बहुत सीमित रहा है।
  3. स्टाफ की ट्रेनिंग और जिम्मेदारी का अभाव: अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन काउंटर पर बैठे लोग या तो पोर्टल का सही उपयोग नहीं करते या मरीजों को मना कर देते हैं, क्योंकि उन्हें या तो ट्रेनिंग नहीं मिली या वे काम का बोझ नहीं लेना चाहते।
  4. सिस्टम स्लो या डाउन रहता है: कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि पोर्टल पर कभी-कभी सर्वर स्लो हो जाता है, अपॉइंटमेंट पेज खुलता नहीं या OTP ही नहीं आता। NIC की टेक्निकल टीम समय पर रेस्पॉन्स नहीं देती — ये फीडबैक कई हॉस्पिटल IT टीम्स से मिला है।

कुछ रियल आंकड़े और रिपोर्ट्स (PIB, RTI आदि से)

2022 तक करीब 4 करोड़ से ज्यादा अपॉइंटमेंट e-Hospital के ज़रिए बुक किए गए थे, लेकिन इनमें से 60% से ज्यादा केवल टॉप 50 हॉस्पिटल्स से थे।

RTI से मिले जवाबों में बताया गया कि कई राज्यों के जिला अस्पतालों में 1 साल में एक भी ऑनलाइन अपॉइंटमेंट नहीं हुआ।

नोट: इस आर्टिकल मे दी गई जानकारी अनलाइन स्त्रोतों और अन्य आधिकारिक वेबसाईट से लिया गया है medicalnewshindi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। 

निष्कर्ष

e-Hospital एक बहुत अच्छा डिजिटल टूल है, लेकिन इसकी सफलता अभी केवल बड़े अस्पतालों और पढ़े-लिखे लोगों तक सीमित है। ज़मीन पर छोटे शहरों और गाँवों में इसकी पहुँच, प्रचार और उपयोगिता अभी भी बहुत कमजोर है।

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