Guillain-Barre Syndrome बीमारी की पूरी जानकारी हिंदी में
Guillain-Barre Syndrome (GBS) यह दुर्लभ लेकिन गंभीर सिंड्रोम है जो अचानक और बहुत तेजी से बढ़ने वाली ऑटोइम्यून बीमारी है जो अक्सर देखा गया है या तो डायरिया होने के बाद या किसी तरह की श्वसन सम्बन्धी इन्फेक्शन होने के बाद यह बीमारी होती है उदाहरण कोई वायरल संक्रमण इंफ्लुएंजा या फिर किसी फ्लू के वैक्सीन शॉट्स लेने पर हो सकती है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम खुद के नसों (नर्वस सिस्टम) पर हमला करता है। इससे हाथ-पैरों में झुनझुनी, शरीर के मांसपेशियों में कमजोरी और स्थिति गंभीर होने पर लकवा (पैरालिसिस) हो सकता है। GBS का प्रभाव पैरों से शुरू होकर पूरे शरीर में फैल सकता है जिससे चलने-फिरने, सांस लेने और यहां तक कि हृदय की धड़कन पर भी असर पड़ सकता है। हालांकि यह स्थिति दुर्लभ है, लेकिन समय पर इलाज और सही देखभाल से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
Guillain-Barre Syndrome के लक्षण
Guillain-Barre Syndrome के लक्षण जब शुरू होता है तब यह पैर के तलवों से शुरू होकर पुरे शरीर के ऊपरी भागो में फ़ैल जाते है। शुरुआत झुनझुनी से होती है और लक्षण गंभीर होते होते पैरालिसिस भी हो जाता है।
शुरूआती लक्षण:
- हाथ पैरो में झुनझुनी के साथ दोनों पैरो का सुन्न होना।
- शरीर के मांसपेसियो में कमजोरी का महसूस होना।
- खाने पिने में दिक्कत होना, निगलने में कठिनाई होना।
- चलने फिरने में दिक्कत होना सीढियाँ चड़ने में कठिनाई होना
गंभीर लक्षण:
- स्थिति गंभीर होने पर सांस लेने दिक्कत होना।
- दिल की धड़कन का अनियमित रूप से धडकना।
- ब्लड प्रेशर में गिरावट होना।
- स्थिति जब बहुत जयादा गंभीर हो जाती है तब पुरे शरीर में लकवा (पैरालिसिस) हो जाता है।
यह लक्षण बहुत तेजी से बढ़ता रहता है इसलिए इस लक्षण के साथ इस बीमारी का पता लगाना और मेडिकल ट्रीटमेंट लेना बेहद जरुरी हो जाता है
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Guillain-Barre Syndrome के कारण और जोखिम
Guillain-Barre Syndrome का सही कारण अभी तक पूरी तरह से ज्ञात नही नही है। लेकिन अधिकतर समय यह देखा गया है की यह अक्सर शरीर में किसी इन्फेक्शन या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के बाद बढ़ता है। लेकिन अभी कुछ कारणों से सावधान हो कर इसके रिस्क फैक्टर को कम किया जा सकता है।
- बैक्टीरियल संक्रमण खासकर ऐसे बैक्टीरिया जिससे फ़ूड पॉइज़निंग का खतरा रहता है।
- वायरल संक्रमण जैसे डेंगू,फ्लू,इन्फ्लुएंजा और अन्य वायरल संक्रमण।
- किसी भी संक्रमण से ठीक होने के बाद शरीर का इम्यून सिस्टम खुद के नसों (नर्वस सिस्टम) पर हमला करता है तब।
- कुछ ऐसे भी मामले भी हो सकते है जैसे सर्जरी या वैक्सीनेशन के बाद Guillain-Barre Syndrome हो सकता है।
GBS से प्रभावित होने का खतरा उन लोगों को अधिक होता है, जिन्होंने हाल ही में संक्रमण या सर्जरी कराई हो। इसे पहचानने और समय पर इलाज करने से गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।
GBS का इलाज और देखभाल (Tretment of Guillain-Barre Syndrome)
GBS का अभी तक कोई इलाज नहीं है हा लेकिन इसके लक्षणों को कम करके इसको कण्ट्रोल किया जाता है जिसके कुछ प्रमुख उपचार और देखभाल इस प्रकार है:
- इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy):- इस थेरेपी में शरीर में उपस्थित रक्त से हानिकारक एंटीबाडी को हटाई जाती है और इम्यून सिस्टम को स्थिर करने के लिए स्वस्थ एंटीबाडी दिया जाता है।
- सपोर्टिव केअर(Supportive Care):-जब GBS की स्थिति गंभीर हो जाता है तब मरीज को वेंटिलेटर की भी आवश्यकता पड़ती है जिससे सांस लेने में कठिनाई न हो और साथ में हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को निगरानी करते रहना पड़ता है।
- शरीर का दर्द को ठीक करना:-इलाज के दौरान नसों की क्षति से होने वाले दर्द को ठीक करने के लिए दर्द निवारक दवाओं का उपयोग किया जाता है।
- फिजिकल थेरेपी और लम्बी अवधि की देखभाल:-शरीर के को मजबूत करने के लिए और शरीर में रक्त संचार बढ़ाने के लिए फिजिकल थेरेपी का उपयोग किया जाता है। कुछ मामलो में मरीजो को पूरी तरह से ठीक होने में कई महीनो का समय लग सकते है इसके लिए लगातार फ़ॉलो-अप और इलाज की जरुरत होती है।