अब नहीं लगवाने पड़ेंगे नकली दांत-वैज्ञानिकों ने उगाए असली दांत! DENTAL TRETMENT की दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव

अब नहीं लगवाने पड़ेंगे नकली दांत-वैज्ञानिकों ने उगाए असली दांत! DENTAL TRETMENT की दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव

वैज्ञानिकों की नई खोज से DENTAL TRETMENT में आ सकता है बड़ा बदलाव

नई दिल्ली। अब दांत टूटने या गिरने के बाद नकली दांतों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वैज्ञानिकों की एक नई और अनोखी खोज भविष्य में DENTAL TRETMENT का स्वरूप पूरी तरह बदल सकती है। एक नई स्टडी में वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में असली जीवित इंसानी दांत उगाने में सफलता पाई है जिससे उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही लोग अपने खोए हुए दांतों को प्राकृतिक रूप में वापस पा सकेंगे।

डेंटल ट्रीटमेंट रिपोर्ट

हाल के वर्षों में DENTAL TRETMENT में आधुनिक तकनीकों के उपयोग में तेज़ी से वृद्धि हुई है। Global Market Insights की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक डेंटल इम्प्लांट बाजार 2023 में लगभग 5.5 बिलियन डॉलर का था और 2032 तक इसके दोगुना से अधिक बढ़कर 10 बिलियन डॉलर पार करने की उम्मीद है। भारत में इनविजलाइन (Invisalign) और लेजर डेंटिस्ट्री जैसी नई तकनीकों की मांग में करीब 25% सालाना वृद्धि देखी जा रही है।

इसके साथ ही AI-आधारित दांतों की जांच और 3D प्रिंटेड क्राउन और ब्रिज की सुविधा अब मेट्रो शहरों में 40% डेंटल क्लीनिकों द्वारा अपनाई जा चुकी है। वहीं स्टेम सेल थैरेपी द्वारा प्राकृतिक दांत उगाने की रिसर्च पर अमेरिका, जापान और भारत सहित कई देशों की प्रयोगशालाएं काम कर रही हैं। और अब यह सफल हो गया है।

DENTAL TRETMENT से नकली नहीं, अब उगेंगे असली दांत

DENTAL TRETMENT
AI के द्वारा बनाया गया प्रतीकात्मक चित्र

अभी तक टूटी या गिर चुकी दांतों का इलाज डेंचर, ब्रिज या डेंटल इम्प्लांट के जरिए किया जाता था जो न सिर्फ महंगे होते हैं बल्कि इनमें असहजता और कम या ज्यादा उम्र जैसी समस्याएं भी होती थीं। लेकिन टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने DENTAL TRETMENT एक नई तकनीक विकसित की है जिससे स्टेम सेल्स की मदद से प्रयोगशाला में दांत उगाए गए हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह जैविक है और इसमें दांत की जड़, ऊतक और आकार स्वाभाविक तरीके से विकसित होते हैं।

DENTAL TRETMENT में यह खोज क्यों है क्रांतिकारी

विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक DENTAL TRETMENT क्षेत्र में एक बड़ा क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। यदि यह आम लोगों तक पहुंचती है तो डेंटल इम्प्लांट और अन्य कृत्रिम विकल्पों की जरूरत में भारी कमी आ सकती है। साथ ही, यह समाधान अधिक टिकाऊ और प्राकृतिक भी होगा।

इस DENTAL TRETMENT से किन लोगों को मिलेगा सबसे पहले लाभ

शुरुआती चरण में यह तकनीक उन मरीजों के लिए उपयोगी हो सकती है जिन्होंने किसी दुर्घटना, बीमारी या उम्र के कारण अपने दांत खो दिए हैं। भविष्य में यह DENTAL TRETMENT हर उम्र के व्यक्ति के लिए एक आम और प्रभावी इलाज बन सकता है।

DENTAL TRETMENT के क्षेत्र मे क्या है सुरक्षा और सफलता का स्तर

dental tretment
AI के द्वारा बनाया गया प्रतीकात्मक चित्र

अब तक हुए शोधों में इस तकनीक को सुरक्षित और प्रभावी माना गया है। हालांकि अभी यह शुरुआती चरण में है लेकिन अब तक के नतीजे उत्साहजनक हैं। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में यह तकनीक आम चिकित्सा पद्धति का हिस्सा बन जाएगी।

यह DENTAL TRETMENT कब तक हो सकता है आम लोगों के लिए उपलब्ध

फिलहाल यह तकनीक प्रयोगशाला तक सीमित है लेकिन यदि आगामी शोध सफल होते हैं और तकनीक की लागत कम की जा सकी तो यह डेंटल क्लीनिक्स में भी उपलब्ध हो सकती है। इससे DENTAL TRETMENT की दिशा में एक नई शुरुआत होगी।

दोस्तों आज के नई दौर मे जहां नई टेक्नॉलजी और AI धूम मचा रही है इन सबको देखते हुए ज्यादा समय नहीं लगेगा इस नई तकनीक को मार्केट मे आने के लिए।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। MEDICALNEWSHINDI.COM  इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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