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Passive Smoking: हर साल 13 लाख मौतें! क्या आप भी Passive Smoking के शिकार हैं?

Passive Smoking: हर साल 13 लाख मौतें! क्या आप भी Passive Smoking के शिकार हैं?

Passive Smoking एक खतरनाक सच

एक खतरनाक सच यह है कि जो लोग खुद सिगरेट नहीं पीते वो भी उससे उतना ही नुकसान उठा सकते हैं कभी-कभी उससे भी ज़्यादा। जो सिगरेट का सेवन करते है। लोग न चाहते हुए भी धुएं को लेते है इस स्थिति को Passive Smoking या दूसरे के धुएं का सेवन कहा जाता है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि Passive Smoking क्या है ये हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक है।

Passive Smoking क्या है?

 

जब कोई व्यक्ति सिगरेट, बीड़ी, सिगार या हुक्का पीता है तो उसका धुआं सिर्फ उसके शरीर को ही नुकसान नहीं पहुंचाता वो धुआं हवा में फैलकर आसपास खड़े लोगों को भी नुकसान पहुंचाता है। यही धुआं दूसरे लोगों के शरीर में सांस के ज़रिए चला जाता है और बिना पीए हुए भी वे धूम्रपान का शिकार बन जाते हैं। इसे ही “ Passive Smoking” या “ Secondhand Smoke” कहा जाता है।

Passive Smoking में दो तरह के धुएं शामिल होते हैं:

जब ये दोनों तरह का धुआं मिलकर आपके आसपास की हवा को प्रदूषित करते हैं तो आप अनजाने में उसे अपनी सांसों के साथ अंदर ले लेते हैं।

Passive Smoking सबसे ज़्यादा खतरा होता है?

Passive Smoking आपके स्वास्थ्य के लिए एक सीधा और गंभीर खतरा है। रिसर्च से साबित हो चुका है कि जो लोग नियमित रूप से धूम्रपान करने वालों के संपर्क में रहते हैं उन्हें भी वही बीमारियाँ हो सकती हैं जो एक स्मोकर को होती हैं:

वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार

WHO के अनुसार हर साल लगभग 13 लाख लोगों की मौत Passive Smoking से होती है। पैसिव स्मोकिंग में 250 से ज्यादा जहरीले रसायन होते हैं जिनमें से 50 से अधिक कैंसर पैदा कर सकते हैं।

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