Medicine During Period: पीरियड में दवा खाना चाहिए कि नहीं?

Medicine During Period: पीरियड में दवा खाना चाहिए कि नहीं?

दोस्तों Period के दौरान दर्द से राहत पाने के लिए क्या हर बार दवा लेना सही है? यह सवाल हर उस लड़की और महिला के मन में आता है जो Period के दौरान तेज़ दर्द से जूझती हैं। कुछ लोग कहते हैं कि दर्द को सहना चाहिए तो कुछ डॉक्टर दवा लेने की सलाह देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि बार-बार पेनकिलर लेने से आपके शरीर पर क्या असर पड़ सकता है?

इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि “Medicine During Period खाना चाहिए या नहीं और इसके सही और गलत पहलुओं को विस्तार से समझेंगे।

पीरियड्स में दवा खाना चाहिए या नहीं? Medicine During Period

Period के दौरान हल्का-फुल्का दर्द होना सामान्य बात है लेकिन जब दर्द असहनीय हो जाता है तब महिलाएँ अक्सर पेनकिलर (जैसे Meftal Spas, Ibuprofen, Drotin) का सहारा लेती हैं।

दोस्तों पहले आप ये समझो की Period में दर्द क्यों होता है पीरियड में दर्द मुख्य रूप से गर्भाशय(Uterus) की मांसपेशियों के संकुचन की वजह से होता है। पीरियड्स के दौरान यूटेरस की अंदरूनी परत (एंडोमेट्रियम) जब टूटकर बाहर निकलती है तो शरीर प्रोस्टाग्लैंडिन्स (Prostaglandins) नामक केमिकल रिलीज करता है जो यूटेरस को सिकुड़ने में मदद करता है। यह संकुचन रक्त प्रवाह को कंट्रोल करता है जिससे पेट के निचले हिस्से, पीठ और जांघों में तेज़ दर्द महसूस हो सकता है। कुछ महिलाओं में यह दर्द हल्का होता है, जबकि कुछ को अत्यधिक दर्द, मितली, सिरदर्द और कमजोरी जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।

पीरियड में दवा कब लेनी चाहिए

  • माइल्ड से मोडरेट दर्द: अगर दर्द हल्का या मध्यम स्तर का है तो बिना दवा के नैचुरल तरीकों से इसे कम किया जा सकता है।
  • तेज दर्द (Severe Cramps): यदि दर्द इतना तेज़ है कि आप अपना रोजमर्रा का काम भी नहीं कर पा रही हैं, तो डॉक्टर की सलाह से दर्दनिवारक दवा लेना सही हो सकता है।
  • अगर कोई महिला PCOS, एंडोमेट्रियोसिस या अन्य हार्मोनल डिसऑर्डर से जूझ रही है तो बिना डॉक्टर के सलाह कोई भी दवा नही लेना चाहिए।

पीरियड में दवा कब नही लेना चाहिए

  • लगातार हर Period में दवा लेना: अगर हर महीने पेनकिलर का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो यह शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
  • अगर कोई पहले से पेट, लिवर या किडनी की समस्या से जूझ रही हो: पेनकिलर से गैस्ट्रिक अल्सर, एसिडिटी, लिवर डैमेज और किडनी फेलियर का खतरा बढ़ सकता है।
  • बिना डॉक्टरी सलाह के स्टेरॉइड या हार्मोनल मेडिसिन लेना: कुछ महिलाएँ जल्दी आराम पाने के लिए खुद से हार्मोनल दवाएँ लेने लगती हैं, जो हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकती हैं।

पीरियड के समय बार बार दवा लेने से क्या नुकसान हो सकते है?

  • गैस्ट्रिक और एसिडिटी की समस्या: लगातार दवाएँ लेने से पेट में जलन और अल्सर हो सकता है।
  • हार्मोनल इनबैलेस: कुछ रिसर्च बताती हैं कि बार-बार पेनकिलर लेने से पीरियड साइकल पर असर पड़ सकता है।
  • लंबे समय तक फर्टिलिटी पर असर: हालांकि इस पर अभी रिसर्च चल रही है, लेकिन लंबे समय तक दर्दनिवारक दवाओं के इस्तेमाल से ओवुलेशन पर असर पड़ सकता है।
  • आदत लगना: पीरियड में हर बार दर्द कम करने के लिए पेनकिलर लेने से पीरियड्स में दवा लेने की आदत लग जाती है।

पीरियड्स में कौन-सी दवायें सेफ मानी जाती है?

पीरियड्स के दौरान दर्द असहनीय हो और नैचुरल उपाय काम न करें तो कुछ सेफ मानी जाने वाली दवाओं का सीमित मात्रा में उपयोग किया जा सकता है। इनमे से कुछ साल्ट नेम Meftal Spas, Drotin, Drotin-M, Tranexamic Acid(अधिक ब्लीडिंग होने पर) हालांकि इनका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह से ही करना बेहतर होता है।

निष्कर्ष

दोस्तों पीरियड्स के दौरान दर्द को कम करने के लिए दवाएँ लेना कभी-कभी ज़रूरी हो सकता है लेकिन इसे आदत नहीं बनानी चाहिए। हल्के से मध्यम दर्द के लिए नैचुरल तरीकों (गर्म पानी की सिकाई, हल्की एक्सरसाइज़, हर्बल टी) को प्राथमिकता देना बेहतर होता है। यदि दर्द अत्यधिक हो और रोजमर्रा के काम प्रभावित हो रहे हों तो डॉक्टर की सलाह से ही पेनकिलर या अन्य दवाओं का इस्तेमाल करें।

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