देश में सभी नागरिकों को Health Insurance का लाभ दिलाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में अब दिल्ली में भी PMJAY(आयुष्मान भारत योजना) लागू हो गई है जिससे लाखों लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिल सकेगी। हालांकि, इस योजना के लागू होने से एक नई चिंता सामने आई है लोग अब प्राइवेट Health Insurance लेने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इससे निजी बीमा कंपनियों को नुकसान हो सकता है जबकि सच्चाई यह है कि PMJAY (आयुष्मान भारत योजना) सिर्फ गरीब वर्ग के लिए है। ऐसे में मध्यम वर्ग और उच्च आय वर्ग के लिए निजी स्वास्थ्य बीमा अभी भी उतना ही जरूरी है।
PMJAY(आयुष्मान भारत योजना) से क्यों घट रहा है प्राइवेट Health Insurance का क्रेज?
दिल्ली में PMJAY(आयुष्मान भारत योजना) लागू होने के बाद से लोगों में यह धारणा बन रही है कि अब उन्हें किसी प्राइवेट Health Insurance की जरूरत नहीं है। क्योंकि इस योजना के तहत एक व्यक्ति को 10 लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा मिलती है। ऐसे में कई लोग मानने लगे हैं कि यह योजना उनके लिए पर्याप्त है।
किसे मिलेगा PMJAY योजना का लाभ?
हालांकि यह योजना सिर्फ गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए है। जिनकी पहचान सरकार द्वारा तय मानकों के अनुसार की गई है। मध्य वर्ग, आयकरदाता, सरकारी कर्मचारी और निजी कंपनियों में काम करने वाले लोग इस योजना के पात्र नहीं हैं। ऐसे में यह धारणा कि सभी को इसका लाभ मिलेगा पूरी तरह सही नहीं है।
स्वास्थ्य बीमा के आंकड़े
IRDAI (भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण) के अनुसार, वर्ष 2021 तक देश में लगभग 51.4 करोड़ लोग किसी न किसी Health Insurance योजना से जुड़े हुए थे। यानी देश की लगभग 37% आबादी को बीमा कवरेज मिला हुआ था। 2018 में PMJAY(आयुष्मान भारत योजना) शुरू होने के बाद यह संख्या तेजी से बढ़ी। हालांकि, अब भी करीब 40 करोड़ लोग ऐसे हैं जो किसी भी Health Insurance योजना के तहत कवर नहीं हैं खासकर ग्रामीण इलाकों में यह समस्या ज्यादा है जहां न तो बीमा की जागरूकता है और न ही पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं। सरकार ने 2047 तक सभी नागरिकों को बीमा कवरेज देने का लक्ष्य रखा है लेकिन यह काम आसान नहीं है।
निजी बीमा कंपनियों को हो रहा नुकसान
बीमा एजेंटों का कहना है कि आयुष्मान योजना लागू होने के बाद से Health Insurance खरीदने वालों की संख्या में गिरावट आई है। एक एजेंट ने बताया कि पहले वह हर हफ्ते 8–10 पॉलिसी बेचते थे लेकिन अब बहुत कम लोग Health Insurance लेने आ रहे हैं। इससे बीमा कंपनियों के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है।
अभी भी है बीमा क्षेत्र में बड़ा बाजार
दिल्ली में जहां करीब 55 से 60 लाख परिवार रहते हैं वहीं आयुष्मान योजना का लाभ केवल 6.5 लाख परिवारों को ही मिलेगा। यानी लगभग 90% आबादी अभी भी इस योजना से बाहर है। ऐसे में प्राइवेट Health Insurance के लिए एक बड़ा बाजार मौजूद है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
मध्यम वर्ग के लिए Health Insurance जरूरी
विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक सरकार हर वर्ग को Health Insurance के दायरे में नहीं लाती तब तक मध्यम वर्ग के लिए प्राइवेट Health Insurance आवश्यक रहेगा। स्वास्थ्य सेवाएं महंगी होती जा रही हैं और गंभीर बीमारियों के इलाज पर लाखों रुपये खर्च हो सकते हैं। ऐसे में प्राइवेट इंश्योरेंस एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है।
PMJAY(आयुष्मान भारत योजना) बनाम प्राइवेट Health Insurance: एक नजर में तुलना
मापदंड | आयुष्मान भारत योजना | निजी स्वास्थ्य बीमा |
पात्रता | केवल गरीब और निम्न आय वर्ग के लिए | सभी आय वर्ग के लोग (प्रीमियम देकर) |
कवरेज राशि | ₹5 लाख – ₹10 लाख तक (राज्य के अनुसार भिन्न) | ₹5 लाख से ₹1 करोड़ या उससे अधिक तक |
प्रीमियम / खर्च | बिल्कुल मुफ्त (सरकारी योजना) | वार्षिक प्रीमियम देना होता है |
अस्पताल का चयन | सूचीबद्ध सरकारी और कुछ निजी अस्पताल | लगभग सभी बड़े निजी अस्पताल शामिल होते हैं |
इलाज की सुविधा | सीमित बीमारियों व प्रक्रियाओं पर कवरेज | व्यापक कवरेज – गंभीर बीमारियों तक |
क्लेम प्रक्रिया | अस्पताल से सीधे (कैशलेस) | कैशलेस और रीइम्बर्समेंट दोनों विकल्प उपलब्ध |
कस्टमर सपोर्ट | सीमित हेल्पलाइन सपोर्ट | 24×7 कस्टमर केयर और डिजिटल पोर्टल सपोर्ट |
फ्लेक्सिबिलिटी | एक जैसी योजना, कस्टमाइजेशन नहीं | जरूरत अनुसार कस्टम पॉलिसी और ऐड-ऑन विकल्प |
नोट: इस ब्लॉग मे दी गई जानकारी इंटरनेट और अन्य अनलाइन स्त्रोतों से लिया गया है MEDICALNEWSHINDI.COM इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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