बदलते मौसम के कारण सर्दी-खांसी के मामले और जरुरी सावधानियां
मौसम के बदलते ही सर्दी-खांसी और गले में खराश जैसी बिमारियों के मामले तेजी से नाधने लग जाते है। खासकर जब ठंडी के बाद गर्मी के मौसम में बदलाव होता है तब शुष्क वायरस और बैक्टीरिया तेजी से फैलने लगते है।
पिछले कुछ दिनों में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में रोजाना सर्दी खांसी के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है वही डॉक्टर के अनुसार इस बदलते मौसम में बुजुर्ग एवं छोटे बच्चों का विशेष ख्याल रखना बहुत जरूरी है। शरद गरम का मौसम चल रहा है जिसकी वजह से दोपहर को गर्मी का एहसास हो रहा है वही शाम ढलते ढलते ठंड का अहसास बढ़ जाता है इसके अलावा हवा में प्रदूषण का लेवल भी काफी हद तक बढ़ गया है। ऐसे में मौसम का दुष्प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य जीवन पर असर डाल रहा है जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग सर्दी खांसी से पीड़ित होते जा रहे हैं।
मौसम बदलने पर सर्दी-खांसी क्यों बढती है?
- एलर्जी और प्रदुषण: जब मौसम का परिवर्तन होता है उस दौरान हवा में धुल के कण,पराग के कण और प्रदुषित कण हवा में मिल जाते है जिससे एलर्जी के साथ साथ सर्दी-खांसी की समस्या बढ़ सकती है।
- वायरल इन्फेक्शन: सर्दी-जुकाम के गंभीर होने का सबसे बड़ा कारण वायरल संक्रमण होता जो मौसम के बदलते ही सक्रीय हो जाते है। और इससे कम प्रतिरोध क्षमता वाले लोग जल्दी चपेट में आ जाते है जिससे सर्दी खांसी की संभावना बढ़ जाती है।
- इम्यून सिस्टम कमजोर होना: मौसम बदलने पर शरीर को नए तापमान के अनुकूल होने में समय लगता है, जिससे इम्यूनिटी पर असर पड़ता है।
- भीड़भाड़ वाले स्थानों में संक्रमण: स्कूल, दफ्तर, बाजार और पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसी जगहों पर सर्दी-खांसी के मरीजों से संक्रमण तेजी से फैलता है।
इसे भी पढ़े:-औजार मोटा और लंबा करने की दवा पतंजलि–सच क्या है?
सर्दी खांसी से बचने के लिए जरुरी सावधानियां और उपाय
- संतुलित आहार लें: हरी सब्जियां, ताजे फल, सूखे मेवे और प्रोटीनयुक्त भोजन का सेवन करें।
- विटामिन C का सेवन बढ़ाएं: संतरा, आंवला, नींबू, पपीता, और हरी सब्जियों से इम्यूनिटी मजबूत होती है।
- हल्दी वाला दूध पिएं: हल्दी में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण जुकाम मेंबेह से बचाते हैं।
- अदरक-तुलसी की चाय: अदरक, तुलसी और शहद को मिलाकर बनाई गई चाय सर्दी- द फायदेमंद होती है।
- बहुत ठंडा पानी, आइसक्रीम या कोल्ड ड्रिंक्स पीने से बचें।
- फ्रिज का पानी पीने की बजाय हल्का गुनगुना पानी पिएं।
- ज्यादा मसालेदार और तली-भुनी चीजों से बचें, क्योंकि वे गले में जलन पैदा कर सकते हैं।
- प्राणायाम और योग करें: अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका और कपालभाति जैसे योगासन फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाते हैं।
- हल्की फिजिकल एक्टिविटी करें: सुबह की हल्की धूप में टहलना और व्यायाम करना शरीर को ऊर्जावान बनाए रखता है।
निष्कर्ष:
मौसम के बदलने पर सर्दी-खांसी से बचाव के लिए हमें अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बनाना चाहिए और स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। प्राकृतिक और घरेलू उपायों को अपनाकर हम संक्रमण से बच सकते हैं। अगर लक्षण गंभीर हों तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

