दुनिया की सबसे महंगी दवा Zolgensma ₹18 करोड़ की एक इंजेक्शन! क्या है और इतनी महंगी क्यों है?

दुनिया की सबसे महंगी दवा Zolgensma ₹18 करोड़ की एक इंजेक्शन! क्या है और इतनी महंगी क्यों है?

क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि एक दवाई की कीमत पूरे एक बंगले या लक्ज़री कारों के बेड़े जितनी हो सकती है? सुनने में भले ही यह फिल्मी लगे, लेकिन यह हकीकत है। आज हम बात कर रहे हैं Zolgensma की जिसे दुनिया की सबसे महंगी दवाई कहा जाता है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि Zolgensma क्या है, यह कैसे काम करती है इसकी कीमत इतनी ज्यादा क्यों है और भारत में इसकी उपलब्धता कैसी है।

Zolgensma क्या है? (What is Zolgensma?)

What is Zolgensma
Zolgensma Injection

Zolgensma एक आधुनिक और क्रांतिकारी Gene Therapy दवाई है जिसे खासतौर पर Spinal Muscular Atrophy (SMA) नामक गंभीर और दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी के इलाज के लिए विकसित किया गया है। इस दवाई को अमेरिकी दवा कंपनी Novartis Gene Therapies ने बनाया है।

Zolgensma किस बीमारी के लिए उपयोग किया जाता है?

SMA( Spinal Muscular Atrophy)

Spinal Muscular Atrophy
Spinal Muscular Atrophy

एक ऐसी बीमारी है जिसमें बच्चे के शरीर की मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर होती जाती हैं। इसकी वजह एक खराब या अनुपस्थित जीन होता है जिसे SMN1 Gene कहा जाता है। यह जीन मांसपेशियों की कार्यप्रणाली के लिए ज़रूरी SMN (Survival Motor Neuron) प्रोटीन बनाता है। अगर यह प्रोटीन न बने तो शरीर की मांसपेशियां धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती हैं। यह बीमारी नवजात शिशुओं की मांसपेशियों को इतना कमजोर बना देती है कि वे न तो ठीक से हिल-डुल पाते हैं न खा पाते हैं और कुछ मामलों में तो सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है।

Zolgensma एक बार दिए जाने वाला इंजेक्शन है जो शरीर में एक  सही SMN1 Gene पहुँचाता है। यह नया जीन शरीर में जाकर SMN प्रोटीन बनाने लगता है जिससे बीमारी रुक सकती है और बच्चा सामान्य विकास की ओर लौट सकता है।

Zolgensma का कमाल एक सही जीन की डिलीवरी

Gene Replacement Therapy
प्रतीकात्मक चित्र

Zolgensma एक Gene Replacement Therapy है यानी यह शरीर में एक सही और स्वस्थ SMN1 जीन पहुंचाती है।

  • इसमें एक Genetically Engineered Virus (AAV9 vector) होता है जो बीमारी पैदा नहीं करता, बल्कि एक वाहक (carrier) की तरह काम करता है।
  • यह वाहक (carrier) SMN1 जीन को शरीर की कोशिकाओं तक सुरक्षित पहुंचा देता है।
  • जब यह नया SMN1 जीन कोशिकाओं में पहुंचता है, तो यह SMN प्रोटीन बनाना शुरू करता है।
  • नतीजा: नर्व सेल्स फिर से स्वस्थ होने लगती हैं और मांसपेशियों की कार्यक्षमता में सुधार आता है।

Zolgensma की कीमत इतनी ज्यादा क्यों है? (Why is Zolgensma So Expensive?)

जब आप सुनते हैं कि एक इंजेक्शन की कीमत 2.1 मिलियन डॉलर यानी लगभग 17-18 करोड़ रुपये है तो पहला सवाल यही आता है इतनी महंगी क्यों? असल में, Zolgensma की कीमत सिर्फ एक दवा की नहीं, बल्कि कई सालों की रिसर्च, तकनीक और उम्मीद की कीमत है। आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं

  • हाई-टेक जीन थेरेपी: Zolgensma कोई आम दवा नहीं है। यह एक Gene Therapy है, जो सीधे शरीर के जीन स्तर पर जाकर काम करती है। इस तरह की थेरेपी बनाना बेहद जटिल और महंगा होता है। इसमें वैज्ञानिकों को सालों लगते हैं और हजारों परीक्षणों के बाद ही यह एक सुरक्षित इलाज बन पाता है।
  • एक बार का इलाज पूरी जिंदगी के लिए: Zolgensma को सिर्फ एक बार दिया जाता है। यह इंजेक्शन बच्चे के जीवन को पूरी तरह बदल सकता है। अगर इसकी तुलना की जाए दूसरी दवाओं से, जो पूरी जिंदगी चलती हैं, तो Zolgensma का असर परमानेंट माना जाता है।
  • दुर्लभ बीमारी कम मरीज: SMA एक Rare Disease है। पूरी दुनिया में इसके मरीजों की संख्या बहुत कम है। जब किसी दवा का उपयोग सिर्फ सीमित मरीजों में होता है तो उत्पादन लागत ज्यादा और मांग कम होती है जिससे उसकी कीमत बहुत ऊंची हो जाती है।
  • रिसर्च और डेवलपमेंट की लागत: एक नई दवा को बाजार तक लाने में कंपनियों को अरबों रुपये लगाने पड़ते हैं ट्रायल, तकनीक, सुरक्षा जांच और सरकारी मंजूरी जैसी प्रक्रियाएं बहुत खर्चीली होती हैं।
  • एक्सक्लूसिव पेटेंट और टेक्नोलॉजी: Zolgensma एक पेटेंटेड टेक्नोलॉजी है, जिसे सिर्फ Novartis Gene Therapies ही बनाती है। क्योंकि इसकी कोई सस्ती जेनेरिक कॉपी उपलब्ध नहीं है इसलिए कीमत पर कंपनी का पूरा नियंत्रण होता है।

Zolgensma भारत में उपलब्ध है या नहीं? (Is Zolgensma Available in India?)

Zolgensma को लेकर भारत में कई माता-पिता के मन में सवाल होता है क्या यह दवा हमारे देश में उपलब्ध है? क्या इसे भारत में खरीदा जा सकता है? तो इसका जवाब है: हां, लेकिन कुछ शर्तों और चुनौतियों के साथ।

REAL STORY:

REAL STORY OF Spinal Muscular Atrophy PATIENT
Team of doctors at JK Lon Hospital with the child and his family

मध्य प्रदेश के एक छोटे बच्चे हृद्यांश की जिंदगी एक बेहद दुर्लभ और खतरनाक बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (SMA) से जूझ रही थी जिसके इलाज के लिए दुनिया की सबसे महंगी दवा Zolgensma की जरूरत थी। इस दवा की कीमत लगभग ₹17.5 करोड़ है जिसे जुटाना एक मध्यमवर्गीय परिवार के लिए नामुमकिन जैसा था। लेकिन हृद्यांश के माता-पिता ने हार नहीं मानी। उन्होंने सोशल मीडिया और जन सहयोग के माध्यम से एक फंडरेज़िंग कैंपेन चलाया जिसने पूरे देश का ध्यान खींचा। हजारों लोगों की मदद से इतनी बड़ी राशि जुटाई गई और अमेरिका से Zolgensma मंगवाकर समय पर हृद्यांश का इलाज संभव हो सका। इस इलाज से उसकी हालत में सुधार हुआ और उसे एक नई जिंदगी मिली। यह कहानी इस बात का सबूत है कि अगर इरादा मजबूत हो और समाज साथ दे तो दुनिया की सबसे महंगी दवा भी किसी बच्चे की मुस्कान लौटा सकती है।

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