Johnson and Johnson पर कानूनी शिकंजा: 85,000 करोड़ का निपटान प्रस्ताव अदालत ने खारिज किया

Johnson and Johnson पर कानूनी शिकंजा: 85,000 करोड़ का निपटान प्रस्ताव अदालत ने खारिज किया

Johnson and Johnson पर क़ानूनी शिकंजा

क्या एक दिग्गज फार्मा कंपनी अपने उत्पाद की खतरनाक सच्चाई से बचने के लिए दिवालियापन की आड़ ले सकती है? अमेरिका की दिवाला अदालत ने Johnson and Johnson की उस पेशकश को खारिज कर दिया जिसमें कंपनी ने वाद निपटाने के बदले 85,000 करोड़ रुपये देने की बात कही थी। यह तीसरी बार है जब अदालत ने कंपनी की इस रणनीति को विफल कर दिया। Johnson and Johnson पर आरोप है कि उसके टैल्कम पाउडर में कैंसर कारक तत्व पाए गए जिसके चलते हजारों उपभोक्ताओं ने मुकदमे दायर किए हैं। अब सवाल यह है कि अदालत के इस फैसले के बाद कंपनी की अगली चाल क्या होगी और इससे प्रभावित लोगों को कितना न्याय मिल पाएगा? आइए जानते हैं इस पूरे मामले की पूरी सच्चाई।

Johnson and Johnson पर क़ानूनी शिकंजा

Johnson and Johnson की 85,000 करोड़ रुपये में वाद निपटाने की पेशकश अदालत ने ठुकराई

अमेरिकी दिवाला अदालत ने Johnson and Johnson की उस पेशकश को खारिज कर दिया है, जिसमें कंपनी ने वाद निपटारे के बदले 10 अरब डॉलर (करीब 85,655.82 करोड़ रुपये) देने का प्रस्ताव रखा था। इस फैसले के साथ ही बच्चों और अन्य टैल्कम पाउडर में कैंसर कारक घातक केमिकल मिलने के मामले में हजारों मुकदमों का सामना कर रही कंपनी की दिवाला रणनीति कोर्ट में तीसरी बार विफल हो गई।

तीसरी बार नाकाम हुई दिवालिया योजना

दरअसल Johnson and Johnson मुकदमों से बाहर निकलने के लिए अपनी एक सहायक कंपनी को दिवालिया घोषित करने में जुटा हुआ है। यह तीसरा अवसर था जब कंपनी ने वाद निपटाने के बदले एक बड़ी रकम की पेशकश की थी। लेकिन अमेरिकी अदालत में इस मामले की सुनवाई कर रहे जज क्रिस्टोफर लोपेज़ ने कहा कि कंपनी दिवालियापन प्रक्रिया के योग्य नहीं है।

क्यों खारिज हुआ प्रस्ताव?

जज लोपेज़ ने कहा कि मामला उन संस्थाओं के खिलाफ कानूनी दावों से बहुत आगे निकल चुका है जिन्होंने खुद दिवालियापन के लिए आवेदन नहीं किया है। इसमें Johnson and Johnson के उत्पाद बेचने वाले खुदरा विक्रेता और एक उपभोक्ता स्वास्थ्य व्यवसाय “केन्यू” भी शामिल हैं, जिसे कंपनी ने 2023 में अलग कर दिया था।

कंपनी पर क्या हैं आरोप?

Johnson and Johnson

Johnson and Johnson पर आरोप है कि उसके टैल्कम पाउडर में कैंसर पैदा करने वाले हानिकारक रसायन मौजूद थे, जिसके कारण हजारों लोगों ने कंपनी के खिलाफ मुकदमे दायर किए हैं। इन मामलों से बचने के लिए कंपनी ने बार-बार दिवालियापन का सहारा लेने की कोशिश की, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया।

Note- इस आर्टिकल में दी गयी जानकारी या न्यूज़ को नवभारत के डेली न्यूज़ पत्रिका से लिया गया है इसमें दी गयी जानकारी MEDICALNEWSHINDI.COM पुष्टि नही करता

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