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अमेरिकी सैनिकों में निकोटीन पाउच का बढ़ता चलन: नई शोध ने उजागर किए स्वास्थ्य और सामाजिक जोखिम

कल्पना कीजिए कि आप देश की सेवा करते हुए हर दिन मानसिक और शारीरिक तनाव का सामना कर रहे हैं। इन कठिन परिस्थितियों में अगर कोई आसान उपाय आपकी थकान को कम करने का दावा करे तो क्या आप उस उपाय को अपनाएंगे? अमेरिकी सैनिकों के बीच यही स्थिति निकोटीन वाले पाउच के उपयोग को बढ़ावा दे रही है। नई शोध इस आदत के प्रभावों को समझने और इससे निपटने के तरीकों के ऊपर किया गया है।

यह समस्या बड़ी क्यों है

हर साल लगभग 2 लाख अमेरिकी सैनिक सेना छोड़ते हैं। अपने ड्यूटी के दौरान निकोटीन पाउच जैसे उत्पादों का उपयोग उनके नागरिक जीवन में स्वास्थ्य और सामाजिक चुनौतियों को बढ़ा सकता है। निकोटीन पाउच का उपयोग तंबाकू का एक ‘सुरक्षित विकल्प’ माना जाता है, लेकिन यह धारणा सही नहीं है। इससे न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ते हैं।

शोध की प्रक्रिया और उद्देश्य (Research Process and Objectives)

यह अध्ययन इस सवाल का जवाब खोजने के लिए किया गया कि निकोटीन पाउच का उपयोग सैनिकों के स्वास्थ्य और जीवनशैली पर क्या प्रभाव डालता है। शोधकर्ताओं ने यह समझने का                                                                                                                   प्रयास किया कि सेना छोड़ने के बाद सैनिक किस प्रकार निकोटीन का उपयोग जारी रखते हैं और इसे रोकने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।

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शोध की प्रक्रिया:

शोधकर्ताओं ने एक व्यवस्थित और बहु-चरणीय प्रक्रिया अपनाई ताकि डेटा एकत्र किया जा सके और सटीक निष्कर्ष निकाले जा सकें।

यह शोध केवल डेटा इकट्ठा करने तक सीमित नहीं है इसका उद्देश्य सैनिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना और उनके जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाना है।

शोध के मुख्य परिणाम (Key Findings)

  1. निकोटीन पाउच का बढ़ता उपयोग: सैन्य कर्मियों में निकोटीन पाउच का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, जो तनाव और कार्य परिस्थितियों से जुड़ा है।
  2. स्वास्थ्य पर प्रभाव: निकोटीन पाउच का उपयोग हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और मानसिक निर्भरता जैसे स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है।
  3. सुरक्षित विकल्प का मिथक: निकोटीन पाउच को सुरक्षित माना जाना गलत है, क्योंकि इसके दीर्घकालिक प्रभाव गंभीर हो सकते हैं।
  4. नागरिक जीवन में चुनौती: सेना छोड़ने के बाद सैनिकों को निकोटीन की लत से छुटकारा पाना मुश्किल होता है।
  5. हस्तक्षेप की आवश्यकता: जागरूकता, परामर्श और नीति सुधार के जरिए सैनिकों के लिए विशेष सहायता की जरूरत है।

स्रोत:-JAMA NETWORK OPEN https://jamanetwork.com/journals/jamanetworkopen/fullarticle/2828118

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