सरकार का नया स्क्रीनिंग अभियान क्यों ज़रूरी है?, इस अभियान में क्या होगा?
दोस्तों आज के समय में भारत में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं खासकर गैर-संचारी रोग (NCDs) यानी वे बीमारियाँ जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलतीं। बल्कि आधुनिक जीवनशैली, असंतुलित खानपान और शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण ऐसी बीमारियाँ बढती जा रही है जो बिना किसी संक्रमण के होता है जैसे हृदय रोग (Cardiovascular Diseases), डायबिटीज (Diabetes), कैंसर (Cancer), क्रॉनिक रेस्पिरेटरी डिजीज (Chronic Respiratory Diseases) और अन्य इन बिमारियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है।
चिंता की बात यह है कि भारत में होने वाली कुल मौतों में से लगभग 77% मौतें NCDs (Non-Communicable Diseases) के कारण होती हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने एक व्यापक रूप से स्क्रीनिंग अभियान(Non-Communicable Diseases Programme) शुरू किया है जिसका उद्देश्य 30 से अधिक उम्र के वयस्कों में NCDs का जल्द पता लगाकर सही समय पर उपचार उपलब्ध कराना है। इस अभियान के माध्यम से करोड़ों लोगों को समय पर जांच और इलाज की सुविधा मिलेगी जिससे इन रोगों के प्रभाव को कम किया जा सकेगा।
क्या हैं NCDs (Non-Communicable Diseases)?
NCDs (Non-Communicable Diseases) यानी गैर-संचारी रोग वे बीमारियाँ होती हैं जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलतीं, लेकिन जीवनशैली, खानपान, आनुवंशिकता और अन्य कारकों के कारण उत्पन्न होती हैं। ये बीमारियाँ लंबे समय तक बनी रहती हैं और समय पर इलाज न मिलने पर गंभीर परिणाम उत्पन्न कर सकती हैं। भारत में सबसे अधिक देखी जाने वाली NCDs में शामिल हैं: हृदय रोग (Cardiovascular Diseases) – जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक।, डायबिटीज (Diabetes) – टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज।,कैंसर (Cancer) – लंग कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर आदि।, क्रॉनिक रेस्पिरेटरी डिजीज (Chronic Respiratory Diseases) – अस्थमा, सीओपीडी।, मानसिक स्वास्थ्य विकार (Mental Health Disorders) – डिप्रेशन, एंग्जायटी।
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सरकार का नया स्क्रीनिंग अभियान क्यों ज़रूरी है? (Non-Communicable Diseases Programme)
भारत में NCDs से जुड़ी बिमारियों की स्थिति लगातार बिगड़ रही है और यह देश के स्वास्थ्य सिस्टम के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। सरकार द्वारा शुरू किया गया यह स्क्रीनिंग अभियान (Non-Communicable Diseases Programme) निम्नलिखित कारणों से बहुत आवश्यक है:
- बढ़ती मृत्यु दर: भारत में 77% मौतें NCDs के कारण हो रही हैं। यदि इन बीमारियों की समय पर पहचान और इलाज नहीं किया गया तो यह समय के साथ इसका आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।
- प्रारंभिक पहचान और रोकथाम: अधिकतर लोग इन बीमारियों के लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं जिससे वे धीरे-धीरे गंभीर रूप ले लेती हैं। स्क्रीनिंग अभियान का उद्देश्य शुरुआती अवस्था में बीमारी की पहचान करना और समय पर उपचार उपलब्ध कराना है।
- ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी: भारत के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं सीमित हैं। इस अभियान के तहत गाँवों और छोटे कस्बों में मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे जिससे वहाँ के लोगों को समय पर जाँच और इलाज मिल सके।
- स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता: भारत में आज भी कई लोग NCDs और उनकी रोकथाम के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं रखते। यह अभियान उन्हें सही जानकारी देने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
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सरकार के इस अभियान में क्या होगा?
इस अभियान के तहत सरकार ने पुरे देशभर में व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था की है। इसके प्रमुख घटक इस प्रकार हैं:
- निःशुल्क हेल्थ चेकअप: इस अभियान के तहत ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कैंसर और अन्य गैर-संचारी रोगों की जांच मुफ्त में की जाएगी।
- ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान: सरकार गाँवों और छोटे कस्बों में विशेष मेडिकल कैंप लगाएगी ताकि वहाँ के लोगों को भी जांच और इलाज की सुविधा मिले।
- डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड: मरीजों का हेल्थ डेटा डिजिटल रूप से संग्रहीत किया जाएगा, जिससे भविष्य में इलाज में आसानी होगी।
- विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम: इस अभियान के तहत प्रशिक्षित डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी मरीजों की जाँच करेंगे और आवश्यकतानुसार आगे की चिकित्सा सलाह देंगे।
- समय पर इलाज की सुविधा: जिन मरीजों में कोई भी NCD पाई जाएगी, उन्हें सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं के तहत कम लागत में या मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।
- जागरूकता अभियान: सरकार इस अभियान के तहत लोगों को NCDs से बचाव और स्वस्थ जीवनशैली के बारे में जागरूक करने के लिए सेमिनार, वर्कशॉप और अन्य कार्यक्रम आयोजित करेगी।
इस अभियान से सरकार का लक्ष्य करोड़ों भारतीयों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुँचाना है। खासकर ग्रामीण और गरीब तबके के लिए यह अभियान एक बड़ा बदलाव ला सकता है। अगर आप भी मेडिकल फील्ड में काम कर रहे हैं तो कमेंट में बताइए कि आप इस अभियान को कैसे देखते हैं?